मध्यप्रदेश में उपचुनाव हारते ही वन मंत्री रामनिवास रावत ने दिया मंत्री पद से इस्तीफा

भोपाल
मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार के वन मंत्री रामनिवास रावत ने उपचुनाव हारते ही मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. अब एक बार फिर मंत्री पद की दौड़ में शामिल कई विधायक सक्रिय हो गए हैं. हालांकि, जब तक किसी और के पास वन मंत्री का प्रभार नहीं जाता है, तब तक यह जिम्मेदारी भी मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव के पास रहेगी. कांग्रेस से छह बार विधायक रहे रामनिवास रावत भारतीय जनता पार्टी में आते ही वन मंत्री बना दिए गए थे. अब उन्होंने उपचुनाव लड़ा था, जिसमें उनकी हार हो गई. जैसे ही चुनावी परिणाम सामने आया, वैसे ही वन मंत्री रामनिवास रावत ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. वन मंत्री के  को लेकर बीजेपी में उस समय भी घमासान मच गया था, जब रामनिवास रावत को जिम्मेदारी मिली थी.

मोहन मंत्रिमंडल में 30 मंत्री
डॉक्टर मोहन यादव मंत्रिमंडल में वर्तमान में 31 मंत्री थे जबकि अब एक इस्तीफे के बाद मंत्रियों की संख्या 30 रह गई है. वन मंत्री के इस्तीफा देने के बाद उनका प्रभार मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के पास पहुंच गया है. अब जब नए वन मंत्री बनाए जाएंगे तब जिम्मेदारी मुख्यमंत्री से अलग हो पाएगी. डॉ मोहन यादव सरकार में दो उपमुख्यमंत्री, 18 कैबिनेट मंत्री, छह राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और चार राज्य मंत्री बनाए गए थे.

मध्य प्रदेश विधानसभा सदस्यों की संख्या के मुताबिक, बीजेपी सरकार में 34 मंत्री बनाए जा सकते हैं, जबकि वर्तमान में मंत्रियों की संख्या 31 थी. अब वन मंत्री के इस्तीफा देने के बाद मंत्रियों की संख्या 30 ही रह गई है. भारतीय जनता पार्टी के एक दर्जन से ज्यादा विधायक मंत्री पद की दौड़ में शामिल है. इनमें केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित सिंधिया गुट के विधायक भी शामिल है.

इन पूर्व मंत्रियों के नाम पर चर्चा
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसोदिया के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी में संगठन तय करता है की जिम्मेदारी किसे दी जानी है. अभी तक मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर कोई भी जानकारी नहीं है. वैसे तो भारतीय जनता पार्टी में कई सीनियर विधायक मंत्री पद की दौड़ में शामिल माने जा रहे हैं, लेकिन प्रमुख रूप से पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, संजय पाठक के नाम की चर्चा है.

हालांकि, नागर सिंह चौहान को भी वन मंत्री का प्रभार वापस दिया जा सकता है. नागर सिंह चौहान से ही वन मंत्री का पद लेकर रामनिवास रावत को दिया गया था जिसके बाद नागर सिंह चौहान ने नाराजगी भी जताई थी. इसके अलावा देवास सहित कई ऐसे जिले भी हैं जहां पर सिंधिया गुट के विधायक मंत्री पद की दौड़ में शामिल है.

 

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