नई दिल्ली.
संसद के शीतकालीन सत्र की सोमवार से शुरुआत होने वाली है, उससे पहले केंद्र सरकार ने रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस बैठक का उद्देश्य संसद के शीतकालीन सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए पार्टियों के बीच सहमति बनाना है। गौरतलब है कि संसद के शीतकालीन सत्र के काफी हंगामेदार रहने के आसार हैं, लेकिन महाराष्ट्र चुनाव में जीत के बाद यकीनन सत्ताधारी भाजपा को थोड़ी राहत जरूर मिल सकती है।
सर्वदलीय बैठक का आयोजन संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया है। इस बैठक में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, शिवसेना, बीजद और अन्य पार्टियों के नेता शामिल हुए। शीतकालीन सत्र सोमवार यानी 25 नवंबर से शुरू होकर 20 दिसंबर तक चलेगा। इस सत्र के दौरान विपक्ष सरकार को वक्फ संशोधन विधेयक, मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर घेरने की कोशिश करेगा। वहीं उद्योगपति गौतम अदाणी पर अमेरिका द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर भी विपक्ष केंद्र पर हमलावर है। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने गौतम अदाणी मामले पर संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) जांच की मांग की है। शीतकालीन सत्र के शुरुआती हफ्ते के अंत में वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के लिए बनी जेपीसी अपनी रिपोर्ट पेश कर सकती है। हालांकि जेपीसी में शामिल विपक्षी सांसद रिपोर्ट जमा करने के लिए और समय देने की मांग कर रहे हैं। बैठक में 26 नवंबर को संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में संविधान अपनाने की 75वीं वर्षगांठ के कार्यक्रम पर भी चर्चा हुई।
ये विधेयक शीतकालीन सत्र में किए जा सकते हैं पेश
शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार पंजाब कोर्ट्स संशोधन विधेयक, मर्चेंट शिपिंग विधेयक, तटीय शिपिंग विधेयक और भारतीय बंदरगाह विधेयक पेश किए जा सकते हैं। इनके अलावा भारतीय वायुयान विधेयक, जो लोकसभा से पारित हो चुका है, वह राज्यसभा में लंबित है। लोकसभा बुलेटिन के अनुसार, लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक और मुसलमान वक्फ विधेयक समेत आठ विधेयक लंबित हैं। साथ ही राज्यसभा में दो विधेयक लंबित हैं। एक देश एक चुनाव विधेयक इस संसद सत्र में पेश करने की उम्मीद कम ही है।