महाराष्ट्र
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में भले ही राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) ने शानदार प्रदर्शन न किया हो, लेकिन इस पार्टी ने चुनाव परिणामों पर अहम असर डाला। मुंबई में इसका सबसे अधिक असर देखने को मिला। उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) को 20 सीटों पर जीत मिली, जिनमें से 10 सीटों पर जीत का अंतर MNS उम्मीदवारों द्वारा हासिल किए गए वोटों से कम था। इस कारण से उद्धव की शिवसेना को राजनीतिक रूप से प्रासंगिक बनाए रखने में मदद की। मुंबई की 10 सीटों में से 8 सीटें बेहद करीबी मुकाबलों में शिवसेवा यूबीटी जीत पाई।
महिम: राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे ने इस सीट से चुनाव लड़ा और 33,062 वोट प्राप्त किए। वहीं, उद्धव सेना के महेश सावंत ने महज 1,316 वोटों से जीत दर्ज की और शिवसेना के सदा सर्वंकर को हराया।
वर्ली: आदित्य ठाकरे ने शिवसेना के मिलिंद देवरा को 8,801 वोटों से हराया। MNS के उम्मीदवार संदीप देशपांडे को यहां 19,367 वोट मिले।
विखरोली: यहां उद्धव सेना के उम्मीदवार ने 15,526 वोटों से जीत हासिल की। उन्हें कुल 66,093 वोट मिले। वहीं, MNS के उम्मीदवार को 16,813 वोट मिले।
जोशीवाड़ी ईस्ट: शिवसेना यूबीटी के उम्मीदवार ने 1,541 वोटों से जीत हासिल की। उन्हें इस चुनाव में 77,044 वोट हासिल हुए। एमएनएस इस सीट पर 64,239 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रही।
दीआदाची: यहां जीत का अंतर 6,182 वोट का था। शिवसेना यूबीटी उम्मीदवार ने 76,437 वोट हासिल किए। MNS को 20,309 वोट मिले।
वर्सोवा: उद्धव के उम्मीदवार ने 1,600 वोटों से जीत हासिल की और 65,396 वोट प्राप्त किए। एमएनएस के उम्मीदवार को 6,752 वोट मिले।
कालिना: यहां जीत का अंतर 5,008 वोट का था। उद्धव की पार्टी के उम्मीदवार को 59,820 वोट मिले। राज ठाकरे की एमएनएस को 6,062 वोट मिले।
वांद्रा ईस्ट: उद्धव की पार्टी के उम्मीदवार ने 11,365 वोटों से जीत हासिल की। वहीं, एमएनएस उम्मीदवार को 16,074 वोट मिले।
वानी: शिवसेना यूबीटी के उम्मीदवार ने 15,560 वोटों से जीत दर्ज की। उन्हें कुल 94,618 वोट हासिल हुए। एमएनएस के उम्मीदवार को 21,977 वोट मिले।
गुहागर: यहां शिवसेना यूबीटी उम्मीदवार ने 2,830 वोटों से जीत हासिल की। 71,241 वोट प्राप्त किए। MNS ने 6,712 वोट हासिल किए।
इसके बावजूद महाराष्ट्र में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया और 149 सीटों में से 132 सीटें जीतीं। वहीं एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 57 सीटों पर जीत हासिल की और अजित पवार की एनसीपी को 41 सीटें मिलीं। कांग्रेस को सिर्फ 16 सीटों पर जीत मिली, जबकि शिवसेना (UBT) ने 20 और NCP(SP) ने 10 सीटें जीतीं।
इस प्रकार एमएनएस ने उद्धव सेना के लिए मुंबई में अपनी राजनीतिक स्थिति को बनाए रखने में एक निर्णायक भूमिका निभाई।